मुरलीधर घंटा घर
मुरलीधर घंटा घर, उनके पिता श्री मुरलीधर अग्रवाल की याद में लाला दयाल जी ने बनवाया था। यह कासगंज शहर के केंद्र में स्थित है। यह चार गेट्स को विभाजित करता है- पूर्वी सहवार, पश्चिमी बिलराम, उत्तरी सोरों, दक्षिणी नदरई|
लक्ष्मी गेट
यह कासगंज रेलवे मार्ग से रोडवेज बस स्टैंड के मार्ग पर स्थित है। यह शिल्प और वास्तुकला का जीवित उदाहरण है सुरक्षा गार्ड के कमरे भी इसके अंदर बनाए गए और शीर्ष पर स्थित पुस्तकालय भी है | इसका उद्घाटन तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा किया गया था। यह स्थान लक्ष्मी गंज और कलेक्टर गंज के रूप में भी जाना जाता है।
नदरई ब्रिज
इसे झील ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है यह गंगा नहर और काली नदी पर बना है। इसे बनाने में 1885 से 1898 तक का समय लगा था। इसकी लंबाई 346 मीटर है और इसकी क्षमता 7095 क्यूसेक है। यह सिंचाई विभाग के निर्माण का एक ऐतिहासिक और शानदार उदाहरण है। अलीगढ़, आगरा विश्वविद्यालयों के छात्र इसका अध्ययन करने यहाँ आते हैं।
हरपदी गंगा
यह शहर के केंद्र में स्थित है| सूकरक्षेत्र सोरों इसे हरि की पौड़ी के रूप में भी जाना जाता है यह स्थान विष्णु भगवान के वराह अवतार से संबंधित है।
चामुंडा मंदिर
यह 19वीं शताब्दी में स्वर्गीय ठाकुर विरी सिंह द्वारा बनवाया गया । दुर्गा महोत्सव अवसर पर एक वार्षिक मेला का आयोजन किया जाता है।
भीमसेन घंटा
भीमसेन घंटा, नदरई गांव में भीमसेन मंदिर में स्थित है। यहाँ एक वार्षिक मेला आयोजित किया जाता है जिसे भीमसेन मेला कहा जाता है।
चिस्ती पीर बाबा मजार
यह भरगेन में स्थित है यह मज़ार हज़रत चिस्ती रहमतुल्लाह अयीलह की है |
जामा मस्जिद
यह नबाब मोहल्ला में स्थित है। नबाबी याकुत खान इससे सम्बंधित है।
सीएनआई सदर चर्च
यह बहुत पुराना चर्च है इसाई समुदाय यहाँ प्रार्थना करते हैं |